राजस्थान में पर्यटन विकास की संभावनाएं :-
राजस्थान के लिए पर्यटन उद्योग वरदान सिद्ध हो सकता है। राजस्थान विविधताओं ,जिज्ञासाओं और विचित्रताओं से भरा हुआ प्रदेश है। आज विश्व में राजस्थान की अद्भुत कठपुतली कला, लोक संगीत , भोजा , लंगा , मांगणियार मशहूर है। राजस्थान प्राचीनतम और शिल्प समृद्ध मंदिरों , अद्भुत और बेजोड़ स्थापत्य कलाओं से भरा पूरा प्रदेश है जिन्हे देखने के लिए दुनिया के व्यक्ति लालायित रहते है।
राज्य में एडवेंचर टूरिज्म की पर्याप्त संभावना है। इसके अलावा वाटर सफारी , ग्रामीण पर्यटन ,इको टूरिज्म , फार्म टूरिज्म , एजुकेशनल टूरिज्म द्वारा भी पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है।
राजस्थान में पर्यटन विकास के लिए मजबूत आधारभूत ढांचा उपलब्ध है। राज्य में 2006 - 07 में पर्यटकों के लिए 38 होटल , 35 हेरिटेज होटल , 48 पर्यटक स्वागत और सूचना केंद्र, 3 यात्री निवास , 22 मिडवे और मोटल थे।
जयपुर में अन्तरार्ष्ट्रीय हवाई अड्डा बन जाने से विदेशी पर्यटकों में अच्छी वृद्धि हो रही है।
राजस्थान में पर्यटन के विकास हेतु राज्य सरकार अनेक कार्यक्रम चला रही है जिसमे महत्वपूर्ण है -
1. पर्यटन साहित्य का प्रकाशन एवं प्रचार - प्रसार।
2. ऐतिहासिक स्मारकों का संरक्षण उपलब्ध कराना।
3. ऐतिहासिक स्मारकों को संरक्षण एवं रख - रखाव।
4. पर्यटक गाइड की व्यवस्था।
5. मरु मेलों का आयोजन।
6. शाही रेलगाड़ी ( palace on wheels ) का प्रारम्भ करना।
7. पैकेज टूर कार्यक्रम जैसे स्वर्ण त्रिभुज (गोल्डन ट्राइंगल - दिल्ली ,आगरा , जयपुर , मेवाड़ पैकेज ,हवामहल पैकेज आदि निर्धारित करना।
8. पर्यटन विभाग द्वारा आंचलिक मेलों एवं सांस्कृतिक समारोहों का आयोजन।
9. 'एडवेंचर टूरिज्म ' के विकास की योजना तैयार करना।
10. इको ,हैल्थ ,एडवेंचर एवं धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहन देना आदि।
पर्यटन ,'पधारो सा'
राजस्थान में पर्यटन को एक उद्योग घोषित कर दिया गया है। रीको पर्यटन इकाइयों को औद्योगिक दरों पर भूमि उपलब्ध कराएगा।
पर्यटन इकाई के लिए भूमि का आंवटन पर्यटन इकाई नीति 2007 में प्रदत दरों के अनुसार होगा। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि का रूपांतरण ,रूपांतरण व विकास शुल्क से पूरी तरह मुक्त होगा।
'पधारो सा' एक अभिनव योजना है जो गुणवत्ता सुविधाएं , बड़े पैमाने पर रोजगार , पर्यटन में लघु उद्यमियों द्वारा निवेश आदि लाभ प्रदान करते हुए निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ गुणवत्तापूर्ण 'वे साइड' सुविधाओं के विकास द्वारा पर्यटन क्षेत्र में रोजगार सृजन लक्ष्य रखा गया है।
'पधारो सा' में रेस्टोरेंट ,सुवुनियर शॉप्स, सार्वजनिक टेलीफोन ,कॉफ़ी शॉप्स प्रकार की इकाइयां सम्मिलित होगी।
पधारो सा इकाई का डिजाइन विशिष्ट व ब्रांडेड होगी।
पधारो सा की अनुमोदित इकाइयों को प्रोत्साहन के रूप में निर्माण/नवीनीकरण की लागत का 25 प्रतिशत अधिकतम 5 लाख रूपये तक भी प्रदान किया जाएगा।
वास्तव में पर्यटन राजस्थान का एक महत्वपूर्ण उद्योग है जिससे न केवल राज्य सरकार को आय होती है अपितु यह हजारों व्यक्तियों को रोजगार प्रदान करता है। इसी कारण राज्य सरकार का पर्यटन विभाग निरन्तर पर्यटन के विकास में सलग्न है। राज्य में अभी भी अनेक पर्यटन स्थल है जिनका यदि समुचित किया जाय तो पर्यटकों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि हो सकती है। राज्य में पर्यटन विकास की अत्यधिक संभावनाएं है।
राजस्थान के लिए पर्यटन उद्योग वरदान सिद्ध हो सकता है। राजस्थान विविधताओं ,जिज्ञासाओं और विचित्रताओं से भरा हुआ प्रदेश है। आज विश्व में राजस्थान की अद्भुत कठपुतली कला, लोक संगीत , भोजा , लंगा , मांगणियार मशहूर है। राजस्थान प्राचीनतम और शिल्प समृद्ध मंदिरों , अद्भुत और बेजोड़ स्थापत्य कलाओं से भरा पूरा प्रदेश है जिन्हे देखने के लिए दुनिया के व्यक्ति लालायित रहते है।
राज्य में एडवेंचर टूरिज्म की पर्याप्त संभावना है। इसके अलावा वाटर सफारी , ग्रामीण पर्यटन ,इको टूरिज्म , फार्म टूरिज्म , एजुकेशनल टूरिज्म द्वारा भी पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है।
राजस्थान में पर्यटन विकास के लिए मजबूत आधारभूत ढांचा उपलब्ध है। राज्य में 2006 - 07 में पर्यटकों के लिए 38 होटल , 35 हेरिटेज होटल , 48 पर्यटक स्वागत और सूचना केंद्र, 3 यात्री निवास , 22 मिडवे और मोटल थे।
जयपुर में अन्तरार्ष्ट्रीय हवाई अड्डा बन जाने से विदेशी पर्यटकों में अच्छी वृद्धि हो रही है।
राजस्थान में पर्यटन के विकास हेतु राज्य सरकार अनेक कार्यक्रम चला रही है जिसमे महत्वपूर्ण है -
1. पर्यटन साहित्य का प्रकाशन एवं प्रचार - प्रसार।
2. ऐतिहासिक स्मारकों का संरक्षण उपलब्ध कराना।
3. ऐतिहासिक स्मारकों को संरक्षण एवं रख - रखाव।
4. पर्यटक गाइड की व्यवस्था।
5. मरु मेलों का आयोजन।
6. शाही रेलगाड़ी ( palace on wheels ) का प्रारम्भ करना।
7. पैकेज टूर कार्यक्रम जैसे स्वर्ण त्रिभुज (गोल्डन ट्राइंगल - दिल्ली ,आगरा , जयपुर , मेवाड़ पैकेज ,हवामहल पैकेज आदि निर्धारित करना।
8. पर्यटन विभाग द्वारा आंचलिक मेलों एवं सांस्कृतिक समारोहों का आयोजन।
9. 'एडवेंचर टूरिज्म ' के विकास की योजना तैयार करना।
10. इको ,हैल्थ ,एडवेंचर एवं धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहन देना आदि।
पर्यटन ,'पधारो सा'
राजस्थान में पर्यटन को एक उद्योग घोषित कर दिया गया है। रीको पर्यटन इकाइयों को औद्योगिक दरों पर भूमि उपलब्ध कराएगा।
पर्यटन इकाई के लिए भूमि का आंवटन पर्यटन इकाई नीति 2007 में प्रदत दरों के अनुसार होगा। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि का रूपांतरण ,रूपांतरण व विकास शुल्क से पूरी तरह मुक्त होगा।
'पधारो सा' एक अभिनव योजना है जो गुणवत्ता सुविधाएं , बड़े पैमाने पर रोजगार , पर्यटन में लघु उद्यमियों द्वारा निवेश आदि लाभ प्रदान करते हुए निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ गुणवत्तापूर्ण 'वे साइड' सुविधाओं के विकास द्वारा पर्यटन क्षेत्र में रोजगार सृजन लक्ष्य रखा गया है।
'पधारो सा' में रेस्टोरेंट ,सुवुनियर शॉप्स, सार्वजनिक टेलीफोन ,कॉफ़ी शॉप्स प्रकार की इकाइयां सम्मिलित होगी।
पधारो सा इकाई का डिजाइन विशिष्ट व ब्रांडेड होगी।
पधारो सा की अनुमोदित इकाइयों को प्रोत्साहन के रूप में निर्माण/नवीनीकरण की लागत का 25 प्रतिशत अधिकतम 5 लाख रूपये तक भी प्रदान किया जाएगा।
वास्तव में पर्यटन राजस्थान का एक महत्वपूर्ण उद्योग है जिससे न केवल राज्य सरकार को आय होती है अपितु यह हजारों व्यक्तियों को रोजगार प्रदान करता है। इसी कारण राज्य सरकार का पर्यटन विभाग निरन्तर पर्यटन के विकास में सलग्न है। राज्य में अभी भी अनेक पर्यटन स्थल है जिनका यदि समुचित किया जाय तो पर्यटकों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि हो सकती है। राज्य में पर्यटन विकास की अत्यधिक संभावनाएं है।
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