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Friday, October 5, 2018

पारितंत्र का अर्थ एवं महत्व

ऐसे स्थान के प्राकृतिक ऊर्जा स्वास्थ्य स्थानों से 700 मीटर से अधिक 1 किलोमीटर थोड़ा और ऊपर की तरफ से ऊपर के लेबाऊपर के लेबा को पर्वत की चोटी कहते हैं आपआप जानते हैं सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट है जो धरती की सी क्लास में पर्वत श्रंखला में स्थित है इसकी ऊंचाई 8848 मीटर है तो इससे रोशन करना कहतेइससे रोशन करना कहते यह शंकर दा समुद्रसमुद्र के प्रशांतप्रशांत महासागरल
आपने अनुभव किया होगा कि बहता हुआ पानी आपने सात बकरी की वस्तु को बाहर ले जाता है हम तेज आंधी में कहीं पेड़ उखड़ जाते हैं हम लकड़ी की सत्य के नंबर पकड़ी हुई कि पर हथौड़े से प्यार करते हैं तो की लकड़ी में भीतर तक चली जाती है तेज हवा के कारण पवन चक्की चलती है इनसे हमें पता है कि गतिमान वस्तु में कार्य करने की क्षमता होती है जब हम किसी वस्तु को एक निश्चित ऊंचाई तक आते हैं तो उसमें कार्य करने की क्षमता जाती है जब बच्चा खिलौने में चाबी भरता है तो क्यों न किसी समतल दर्पण जब कोई कार्य किया जाता है तो उसमें नहीं तोड़ सकता हैजब मन लगा सकती है एवं दूसरी वस्तु में अपनी कुछ अथवा संपूर्ण ऊर्जा स्थानांतरित कर सकती है दूसरी वस्तु ऊर्जा संघ ग्रहण करके कार्य करने की क्षमता हासिल कर लेती है एवं दूसरी वस्तु में गति आ सकती है इस प्रकार पहली वस्तु से कुछ ऊर्जा का स्थानांतरण दूसरी वस्तु में हो जाता है किसी वस्तु में कार्य करने की क्षमता को ही उठ जा कहते हैं किसी वस्तु में विद्यमान ऊर्जा का माफ किए जाने वाले कार्य करते हैं किसी भी कार्य को करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता है इस प्रकार कार्य का मापदंड ऊर्जा का मात्रक कार्य का मात्रक जूल ऊर्जा की मात्रा भूल होगी विभिन्न रूपों में विद्यमान है जैसे यांत्रिक ऊर्जा प्रकाश का विद्युत ऊर्जा उसमें ऊर्जा नाभिकीय ऊर्जा रासायनिक ऊर्जा अधिक सूर्य हमारे लिए ऊर्जा का सबसे बड़ा प्राकृतिक घटनाओं का अपराध उस्मा के कारण सूक्ष्म कणों द्वारा गतिमान ऊर्जा को सूचना ऊर्जा कहते हैं जैसे कि घर में आकर राजस्थानी कुरजा राजस्थानी क्रियाओं द्वारा प्राप्त ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा करते हैं बैटरी भजन कोयला रसोई गैस आदि सभी रासायनिक ऊर्जा के कारण विद्युत आवेश उत्पन्न ऊर्जा विद्युत ऊर्जा के रूप में बिजली की जो भी उपयोग में लेते हैं वह विद्युत ऊर्जा से ही चलती है किसी वस्तु की याद नहीं होता उसकी गतिज ऊर्जा और स्थितिज ऊर्जा के योग के बराबर होती है जिससे वह वस्तु कार्य करती है उदाहरण के लिए जब हम गुटके को खड़ी खेल पर प्यार करते हैं तो निम्न प्रक्रिया होती है थोड़े में बाढ़ के कारण उसमें मदर डे के ऊपर उठाते हैं तो हम थोड़े पर कार्य करते हैं थोड़े की चीज ऊर्जा बढ़ जाती है अब हम बलपूर्वक थोड़े से हमें खेल को लकड़ी के गुटके में भेजने के लिए थोड़े द्वारा अर्जित स्थिति एवं गतिज ऊर्जा के योग को जाति गुर्जर के इसी प्रकार खींचे हुए धनुष में प्रत्याशित ऊर्जा की कहानी आती प्रत्या एकएक चलती हुई कार में गतिज ऊर्जा होती है इसी को इसी प्रकार एक खिलौना पिस्तौल में जब डाट को दबाया जाता है तो पिस्तौल के अंदर लगी फिर सिंह संपीड़ित होती है उसमें शरीर ऊर्जा जाती है पिस्तौल के फिगर को दबाने पर जीत यात्री उर्जा के कारण 8 दूर तक चला जाता 
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