46 हजार करोड़ के रक्षा सौंदों को मंजूरी दी है। रक्षा मंत्री की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद(डीएसी)ने नौसेना और थलसेना के लिए 46 हजार करोड़ रुपये की बड़ी हथियार खरीदी को मंजूरी दी है।इसमें नौसेना के लिए 111 बहुउद्देशीय हेलिकॉप्टर और थलसेना के लिए 150 तोपें शामिल हैं।हेलीकॉप्टर सौंदें पर लगभग 21 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे।सामरिक भागीदारी के तहत रक्षा मंत्रालय की यह पहली परियोजना हैं जिसका मुख्य उद्देश्य मेक इन इंडिया प्रोग्राम को बढ़ावा देना है।बाकी खरीद प्रस्तावों पर लगभग 24879 करोड़ रुपये खर्च होंगे।थलसेना के खरीदी जाने वाली तोपों को देश में डीआरडीओ ही विकसित करेगा।इसपर लगभग 3364 करोड़ रुपये खर्च होंगे।इसके साथ 14 लंबवत दागी जाने वाली कम दूरी के युद्धपोत रोधी मिसाइल में से 10 सिस्टम भी स्वदेशी होंगे।यह खरीदी काफी लंबे वक्त से लटकी हुई है।पिछले साल अगस्त में नेवी हेलिकाप्टरों की खरीद के लिए रिक्केस्ट फॉर इन्फॉर्मेशन दिया था।इससे पहले भी इसी खरीदी के लिए 2011 और 2013 में भी आरएफआइ जारी हुआ था।नौसेना के लिए 111 यूटिलिटी हेलीकॉप्टर 24 बहुद्देशीय हेलीकॉप्टर पनडुब्बियों कें शिकार के लिए 14 लंबवत दागी जाने वाली कम दूरी के युद्धपोत रोधी मिसाइल सिस्टम 10 मिसाइल सिस्टम देश में ही विकसित किए जाएंगे।जल सेना के लिए ही बहुत बड़ी मात्रा में पनडुब्बियों विदेशों से आयात करगी।और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश यात्रा पर अपनी सेना के लिए बहुत ही बड़ा निर्णय लिया है।जल,थलसेना, वायुसेना तीनों के मुख्य सचिव होते हैं।थलसेना के लिए 150 स्वदेशी 155 एमएस की खींची जाने वालीउन्नत तोपें खरीदी गई है।
नौसेना व थलसेना दोनों के लिए खरीद की हरी झंडी दिखाई
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6:51 AM
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