शांति के लिए दुश्मनी भूले, पहली बार भारत-पाकिस्तान का एक साथ सैन्याभ्यास किया जा रहा है। 4 देशों को अॉब्जर्वर 6 को डायलॉग पार्टनर का दर्जा दिया गया है।200 सैनिक भारत के और 110 पाकिस्तान के दल में शामिल किया गया है। दुश्मन भूलाकर शांति स्थापना के लिए भारत और पाकिस्तान की सेना एक साथ सैन्याभ्यास कर रही है।शांति मिशन 2018 नामक यह अभ्यास शुक्रवार को रूस के चेब्राकुल में शुरू हुआ।
इस सैन्याभ्यास में भारत, रूस, चीन और पाकिस्तान समेत शंघाई को-अॉपरेशन अॉर्गनाइजेशन(एससीओ)में शामिल देश हिस्सा ले रहे हैं।यह अभ्यास 29 अगस्त तक चलेगा।यह पहला मौका है जब भारत और पाकिस्तान की सेना एक साथ किसी सैन्य अभ्यास में हिस्सा ले रही हैं।यूएन मिशनों में दोनों देशों के सैनिक साथ काम करते रहे हैं।
इस अभ्यास में मेजबान रूस ने 1700 सैनिकों को उतारा है।चीन ने 700 और भारत ने 200 सैनिक भेजे गए हैं।भारत से राजपूत रेजीमेंट के 167 सैनिक और वायुसेना के 33 जवान गए हैं।इसमें चार महिला अधिकारी भी है।वहीं पाकिस्तान की ओर से भेजे गए दल में सेना के 10 जवान और अधिकारी शामिल हैं।
ये होगा फायदा भारतीय सैन्य प्रवक्ता ने बताया इससे एससीओ देशों को आतंकरोधी अभियानों के लिए प्रशिक्षण मिल सकेगा।समन्वय और आतंकी खतरों से निपटने को लेकर मॉक ड्रिल जैसे अभ्यास होंगे।
भारत-पाकिस्तान पिछले साल बने पूर्णकालिक सदस्य शंघाई को-अॉपरेशन अॉर्गनाइजेशन की स्थापना 2001 में हुई।तब कजाखिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, चीन और ताजिकिस्तान इसमें शामिल थे।अब 8 देश इसे सदस्य हैं।इसमें भारत, पाकिस्तान और उज्बेकिस्तान भी शामिल हैं।इसके अलावा 4 देशों को अॉब्जर्वर और 6 देशों को डायलॉग पार्टनर का दर्जा दिया गया है।भारत और पाकिस्तान को पिछले साल जून में पूर्णकालिक सदस्य बनाया गया है।
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