यह बकरा मल्होत्रा दलित मुस्लिम साम्राज्य का वास्तविक संगठन कर्ता माना जा सकत लिखने रजिया का उत्तराधिकारी चुना था परंपरावादी परं जिया का विरोध किया रसिया ने पद त्याग दिया और पुरुषों के समान कुंभा उसने मुझे निवासी निवासी के विरोध की हत्या कर दी गई या खुद की हत्या कर दी गई बाद में रजिया ने अब दुनिया से विवाह कर लिया परंतु वाराणसी में उन दोनों को मार डाला 12:40 से 12 मैं तो दिन बल्बन का था उल्लू का मक्के तुर्की दासु के प्रसिद्ध दल से संबंधित था वह स्पेशल ईस्वी में यह गधे पर बैठा मंगा लो का सामना करने के लिए सैन्य विभाग दरबार दरबार में सूर्य क्या बरबन दिल्ली और पुरुषों कोपुरुषों को मार दिया गुलाम बनाया जाता था बलबन की मृत्यु के बाद अमीरों के दलिए संरचना खूनी प्रूफ ले लिया कई उमस का वध वध करके जला दून खिलजी ने श्याम को सुल्तान घोषित करके बलबन का राजत्व सिद्धांत प्रशासन की मान्यता प्रतिनिधि दीदीदीदी राजा साहब संयुक्तसंयुक्त जो उसे सहन करने की शक्ति प्रदान करता है बलवंत अमीरों के विद्रोह से परिचित हैं इसी कारण इसी कारण उसने दरबार में तंवर राजपूत जमींदारों के साथ से विरोधी विद्रोह को कुचलना उसके कार्य प्रमुख कार्य था खिलजी वंश का प्रथम शासक जिला दिन फिरोज खिलजी था जो 70 वर्ष का था इसके भतीजे और दामाद लॉगइन ऐलनाबाद में उसका 1206 ईस्वी में धोखे से हत्या करवा दी और शिवम सुल्तानगंज में सिकंदर के रूप में करवाया गुजरात के बगला राजपुरा जा राय कर दे खिलाफ सैन्य अभियान किया अलादीन 183 में रणथंबोर और तेरा सुना अमीर खुसरो के अनुसार काकू रामेश्वर तक पहुंचा दा दिन के समय में राजस्व का ढांचा को ने निर्मित किए गए विचारों पर नियंत्रण करने के आदेश जारी किए अमीर घर की संपत्ति जब्त करना खालसा भूमि को कैसे योगी बना कर देना दिल्ली में ओमिनी की उपाधि धारण की खजाने उर्दू में अमीर खुसरो लॉगइन को विश्व का सुल्तान और जनता का चरवाहे जस्सी पद्वति से विभूषित किया सुल्ताने पुलिस भर्ती में प्रांतीय प्रशासन में सुधार की है सब महत्वपूर्ण सुधार बाजार नियंत्रण दीवान ए रियासत राणा खाद्य निरीक्षक नापतोल के 72 * थे दादी की मृत्यु के बाद सब उत्तर कुमार खिलजी शासकों ने अपने पिता के सभी कटोरा दर्द कर दिया और स्वयं को खलीफा घोषित कर दिया उपाधि धारण की हत्या सुल्तानसुल्तान बनते ही अपने पुत्र झुना का को-वर्कर भेज आजाद नगर उड़ीसा में सैन्य विमान किया जिसमें अल्लू खान की विजय हुई उस दिन के अंतिम सैन्य विमान बंगाल के विद्रोह का दमन था दिल्ली वापस सीहोर
0 comments:
Post a Comment