वायु परिवहन :-
वायु परिवहन तीव्रतम ,आरामदायक व प्रतिष्ठित परिवहन का साधन है। तीव्रगामी साधन का महत्व भारत जैसे भौतिक दृष्टि से विविधता पूर्ण तथा विशाल देश में स्वतः स्पष्ट है इसके द्वारा अति दुर्गम स्थानों जैसे - ऊँचे पर्वत ,मरुस्थल ,घने जंगलों व लम्बे समुद्री रास्तों को सुगमता से पार किया जा सकता है। वायु परिवहन देश के दुर्गम भागों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वायु परिवहन का प्राम्भ देश में 1911 में हुआ जब इलाहाबाद से नैनी के बीच विश्व की सर्वप्रथम डाक सेवा का परिवहन किया गया। सन 1953 में वायु परिवहन का राष्ट्रीयकरण किया गया। इंडियन एयर लाइंस ,एलांस एयर (इंडियन एयर लाइंस की अनुषांगी )तथा कई निजी एयर लाइंस घरेलू विमान सेवाएं उपलब्ध कराती है। एयर इंडिया अंतरार्ष्ट्रीय वायु सेवाएं उपलब्ध कराती है। पवन हंस हेलीकॉप्टर लिमिटेड ,तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग को आपात आपाःतिक संक्रियाओं में तथा अगम्य व दुर्गम भू-भागों जैसे उत्तरी पूर्वी राज्यों तथा जम्मू कश्मीर ,हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड के आंतरिक क्षेत्रों में हेलीकॉप्टर सेवाएं उपलब्ध करवाता है।
इंडियन एयर लाइंस देश के आंतरिक भागों के अतिरिक्त समीपवर्ती देशों -नेपाल ,बांग्लादेश,पाकिस्तान, अफगानिस्तान, श्रीलंका, म्यामांर तथा मालद्वीप को भी अपनी सेवाएं उपलब्ध करवाता है।
भारत में अंतरार्ष्ट्रीय विमान पतन प्राधिकरण देश के चार बड़े हवाई अड्डों -मुंबई ,कोलकत्ता ,दिल्ली व चेन्नई का प्रबंध करता है जबकि राष्ट्रीय विमान पतन प्राधिकरण देशी हवाई अड्डों और रक्षा हवाई अड्डों पर असैनिक उड़ान पट्टियों का प्रबंध करता है
देश के विमान पत्तनों को उनके कार्य ,विशेषता ,महत्व तथा उनके द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं के आधार पर चार श्रेणियों में रखा जाता है -
1 अंतराष्ट्रीय विमान पतन :-
यहां अंतराष्ट्रीय विमान सेवाएं उपलब्ध है। देश में निम्न पतन अंतराष्ट्रीय विमान सेवाएं उपलब्ध कराते है -जवाहरलाल नेहरू विमान पतन (सांताकुंज हवाई अड्डा मुंबई ) , सुभाष चंद्र बोस विमान पतन (दमदम हवाई अड्डा ,कोलकाता ) ,इन्दिरा गांधी अंतराष्ट्रीय विमान पतन (दिल्ली ), मीनाम्ब्कम (चेन्नई ) तला तिरुअनन्तपुरम।
इनके अतिरिक्त बैंगलोर ,हैदराबाद ,अहमदाबाद ,कोच्चि ,तिरुअनंतपुरम ,कैलिकट ,कोयंबटूर ,नागपुर ,पुणे ,जयपुर ,लखनऊ ,श्रीनगर ,गोवा ,अमृतसर ,गुवाहाटी और नेदुमबसरी में अंतराष्ट्रीय विमान पतन है।
2 प्रधान श्रेणी के विमान पतन :-
ये छोटे बड़े सभी प्रकार के वायुयानों को उतारने एवं उड़ान भरने की सुविधा प्रदान करते है। ये निम्न है - अगरतला ,अहमदाबाद ,राजसेसी (अमृतसर ), अामौसी(लखनऊ) , पटना ,बेगम पेट (हैदराबाद ) , सेन्ट थामस (चेन्नई), सफदर जंग (दिल्ली ), गुवाहाटी ,जयपुर ,नागपुर ,तिरुचिरापल्ली ,बढ़ापानी (शिलांग )आदि।
इनके अतिरिक्त देश में 38 मध्य श्रेणी व 28 छोटी श्रेणी के विमान पतन व सहायता प्राप्त उड्यन क्लब भी है जहां चालकों को प्रशिक्षण दिया जाता है।
राजस्थान में जयपुर सांगानेर स्थित विमान पतन प्रधान श्रेणी का हवाई अड्डा है। यहां दो टर्मिनल है जहां से देश व कुछ विदेशी विमान सेवाओं का संचालन सरकारी एवं निजी विमान कम्पनियों द्वारा किया जाता है। यहां से देश के सभी प्रमुख शहरों के लिए विमान सेवाएं उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त रातानाडा (जोधपुर )एवं डबोक (उदयपुर )तथा किशनगढ़ (अजमेर ) में मध्यम श्रेणी के विमान पतन है जहां से देश के कुछ प्रमुख शहरों के लिए विमान सेवाएं उपलब्ध है।
वायु परिवहन तीव्रतम ,आरामदायक व प्रतिष्ठित परिवहन का साधन है। तीव्रगामी साधन का महत्व भारत जैसे भौतिक दृष्टि से विविधता पूर्ण तथा विशाल देश में स्वतः स्पष्ट है इसके द्वारा अति दुर्गम स्थानों जैसे - ऊँचे पर्वत ,मरुस्थल ,घने जंगलों व लम्बे समुद्री रास्तों को सुगमता से पार किया जा सकता है। वायु परिवहन देश के दुर्गम भागों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वायु परिवहन का प्राम्भ देश में 1911 में हुआ जब इलाहाबाद से नैनी के बीच विश्व की सर्वप्रथम डाक सेवा का परिवहन किया गया। सन 1953 में वायु परिवहन का राष्ट्रीयकरण किया गया। इंडियन एयर लाइंस ,एलांस एयर (इंडियन एयर लाइंस की अनुषांगी )तथा कई निजी एयर लाइंस घरेलू विमान सेवाएं उपलब्ध कराती है। एयर इंडिया अंतरार्ष्ट्रीय वायु सेवाएं उपलब्ध कराती है। पवन हंस हेलीकॉप्टर लिमिटेड ,तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग को आपात आपाःतिक संक्रियाओं में तथा अगम्य व दुर्गम भू-भागों जैसे उत्तरी पूर्वी राज्यों तथा जम्मू कश्मीर ,हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड के आंतरिक क्षेत्रों में हेलीकॉप्टर सेवाएं उपलब्ध करवाता है।
इंडियन एयर लाइंस देश के आंतरिक भागों के अतिरिक्त समीपवर्ती देशों -नेपाल ,बांग्लादेश,पाकिस्तान, अफगानिस्तान, श्रीलंका, म्यामांर तथा मालद्वीप को भी अपनी सेवाएं उपलब्ध करवाता है।
भारत में अंतरार्ष्ट्रीय विमान पतन प्राधिकरण देश के चार बड़े हवाई अड्डों -मुंबई ,कोलकत्ता ,दिल्ली व चेन्नई का प्रबंध करता है जबकि राष्ट्रीय विमान पतन प्राधिकरण देशी हवाई अड्डों और रक्षा हवाई अड्डों पर असैनिक उड़ान पट्टियों का प्रबंध करता है
देश के विमान पत्तनों को उनके कार्य ,विशेषता ,महत्व तथा उनके द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं के आधार पर चार श्रेणियों में रखा जाता है -
1 अंतराष्ट्रीय विमान पतन :-
यहां अंतराष्ट्रीय विमान सेवाएं उपलब्ध है। देश में निम्न पतन अंतराष्ट्रीय विमान सेवाएं उपलब्ध कराते है -जवाहरलाल नेहरू विमान पतन (सांताकुंज हवाई अड्डा मुंबई ) , सुभाष चंद्र बोस विमान पतन (दमदम हवाई अड्डा ,कोलकाता ) ,इन्दिरा गांधी अंतराष्ट्रीय विमान पतन (दिल्ली ), मीनाम्ब्कम (चेन्नई ) तला तिरुअनन्तपुरम।
इनके अतिरिक्त बैंगलोर ,हैदराबाद ,अहमदाबाद ,कोच्चि ,तिरुअनंतपुरम ,कैलिकट ,कोयंबटूर ,नागपुर ,पुणे ,जयपुर ,लखनऊ ,श्रीनगर ,गोवा ,अमृतसर ,गुवाहाटी और नेदुमबसरी में अंतराष्ट्रीय विमान पतन है।
2 प्रधान श्रेणी के विमान पतन :-
ये छोटे बड़े सभी प्रकार के वायुयानों को उतारने एवं उड़ान भरने की सुविधा प्रदान करते है। ये निम्न है - अगरतला ,अहमदाबाद ,राजसेसी (अमृतसर ), अामौसी(लखनऊ) , पटना ,बेगम पेट (हैदराबाद ) , सेन्ट थामस (चेन्नई), सफदर जंग (दिल्ली ), गुवाहाटी ,जयपुर ,नागपुर ,तिरुचिरापल्ली ,बढ़ापानी (शिलांग )आदि।
इनके अतिरिक्त देश में 38 मध्य श्रेणी व 28 छोटी श्रेणी के विमान पतन व सहायता प्राप्त उड्यन क्लब भी है जहां चालकों को प्रशिक्षण दिया जाता है।
राजस्थान में जयपुर सांगानेर स्थित विमान पतन प्रधान श्रेणी का हवाई अड्डा है। यहां दो टर्मिनल है जहां से देश व कुछ विदेशी विमान सेवाओं का संचालन सरकारी एवं निजी विमान कम्पनियों द्वारा किया जाता है। यहां से देश के सभी प्रमुख शहरों के लिए विमान सेवाएं उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त रातानाडा (जोधपुर )एवं डबोक (उदयपुर )तथा किशनगढ़ (अजमेर ) में मध्यम श्रेणी के विमान पतन है जहां से देश के कुछ प्रमुख शहरों के लिए विमान सेवाएं उपलब्ध है।
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