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Monday, September 3, 2018

लंदन में बोले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी

सिख विरोधी दंगे बेहद दुखद त्रासदी, लेकिन कांग्रेस उसमें शामिल नहीं थी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 1984 सिख विरोधी दंगों को बेहद दुखद त्रासदी बताया है।लंदन स्कूल अॉफ इकनॉमिक्स में एक सत्र के दौरान दंगों पर पूछे एक सवाल पर उन्होंने कहा वे हिंसा में शामिल लोगों को सजा देने का 100 फीसदी समर्थन करते हैं।हालांकि उन्होंने इससे असहमति जताई कि हिंसा में कांग्रेस शामिल थी।
उधर, भाजपा ने बर्लिन में एक संबोधन के दौरान गुरूनानक देव का नाम लेने और सिख विरोधी दंगों के लिए राहुल से अकाल तख्त के समक्ष माफी मांगने को कहा है। इससे पहले उन्होंने ब्रिटेन के सांसदों और नेताओं की सभा में शुक्रवार को कहा था कि यह घटना त्रासदी थी और बहुत दुखद अनुभव था। लंदन स्कूल आँफ इकनाँमिक्स में उन्होंने कहा, 'जब मनमोहन सिंह ने इस त्रासदी पर जो कुछ कहा था तो वह हम सभी के लिए बोले। जैसा मैंने पहले कहा था कि मैं हिंसा का पीड़ित हूं और मैं समझता हूं कि यह कैसा लगता है।'  राहुल 1991 में लिट्टे द्वारा उनके पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या का जिक्र कर रहे थे।उन्होंने कहा में इस धरती पर किसी के खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा के विरुद्ध हूं।
राहुल को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता चिदंबरम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के विवादास्पद बयान का बचाव किया गया है. पी.चिदंबरम ने कहा 1984 में कांग्रेस सत्ता में थी।तब बेहद दुखद घटना हुई और डॉ.मनमोहन सिंह इसके लिए संसद में माफी मांग चुके हैं।इसके लिए राहुल गांधी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।उस दौरान वह महज 13 या 14 साल के थे।उन्होंने किसी को दोषमुक्त करार नहीं दिया है।
मनमोहन ने मांफी मागी थी माफी गौरतलब है कि 2013 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 1984 में हुई हिंसा के लिए संसद में माफी मांगी थी।उनके साथ यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी हिंसा पर अफसोस जताया था।
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