पूर्व सांसद स्व. श्रीमान रामरघुनाथ चौधरी का जन्म डेगाना के पुंदलोता गांव में किसान परिवार में हुआ। इनके पिता का नाम पुसाराम चौधरी के घर 18 अगस्त 1933 को हुआ था। उनके पिता पुसाराम चौधरी व किसान केसरी बलदेवराम मिर्धा के किसान आंदोलन से जुड़े हुए थे। वहीं से रामरघुनाथ चौधरी में किसानो के लिए राजनैतिक संघर्ष की भावना जागी। रामरघुनाथ चौधरी ने पंचायत स्तर से राजनीती शुरू की व पंचायती राज व्यवस्था का शुभारम्भ होने के बाद 1959 में पंचायत समिति डेगाना से पहले प्रधान बने,व 1965 से 1972 तक दूसरे कार्यकाल के लिए प्रधान रहे व कांग्रेस पार्टी से जुड़े और तीन बार डेगाना विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने। इसके बाद वे लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे।
चौधरी ने अमेरिका के कृषि आदान प्रदान कार्यक्रम में हिस्सा लिया और युथ एक्सचेंज अंतरराष्ट्रीय मंच से साल भर प्रोग्राम कोर्स भी किया था। रामरघुनाथ चौधरी सदैव किसानो से जुड़े रहते थे। वे राष्ट्रीय किसान शिक्षा जागृति समिति के अध्यक्ष रहे।
इसके अलावा राजस्थान युवा किसान मंच के अध्यक्ष रहकर उन्होंने किसान हित के मुद्दे उठाये।
रामरघुनाथ चौधरी भूमि विकास बैंक के अध्यक्ष रहे ,अब पुत्र माननीय श्रीमान अजय सिंह किलक उसी विभाग से मंत्री है।
किलक कहते है की वे मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के साथ मिलकर स्व. रामरघुनाथ चौधरी द्वारा किसान हित में देखे गए सपनो को कर रहे है और किसानो को सहकारिता के जरिये मजबूत बनाने के हर संभव प्रयास कर रहे है।
चौधरी ने अमेरिका के कृषि आदान प्रदान कार्यक्रम में हिस्सा लिया और युथ एक्सचेंज अंतरराष्ट्रीय मंच से साल भर प्रोग्राम कोर्स भी किया था। रामरघुनाथ चौधरी सदैव किसानो से जुड़े रहते थे। वे राष्ट्रीय किसान शिक्षा जागृति समिति के अध्यक्ष रहे।
इसके अलावा राजस्थान युवा किसान मंच के अध्यक्ष रहकर उन्होंने किसान हित के मुद्दे उठाये।
रामरघुनाथ चौधरी भूमि विकास बैंक के अध्यक्ष रहे ,अब पुत्र माननीय श्रीमान अजय सिंह किलक उसी विभाग से मंत्री है।
किलक कहते है की वे मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के साथ मिलकर स्व. रामरघुनाथ चौधरी द्वारा किसान हित में देखे गए सपनो को कर रहे है और किसानो को सहकारिता के जरिये मजबूत बनाने के हर संभव प्रयास कर रहे है।
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