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Friday, October 5, 2018

राजस्थान में पर्यटन

राजस्थान में पर्यटन :-
                                    भारत के पर्यटन में राजस्थान का विशेष स्थान है। राजस्थान एक ओर जहां योद्धाओं की शौर्य गाथाओं से परिचय कराता है ,वहीं दूसरी ओर शिल्पियों ,दस्तकारों ,कवियों पर भी गर्व करता है। राजस्थान के दुर्ग ,हवेलियां ,स्तम्भ ,इसके गौरवपूर्ण अतीत की याद दिलातें है। यहां की वास्तु शिल्प ,कला ,संगीत ,त्योहार एवं लोक कलाएं पुरे विश्व में पर्यटकों का आकर्षण केंद्र है। राजस्थान अपने प्राकृतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक महत्ता के कारण देशी - विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करता है। राजस्थान मंदिर ,मस्जिद ,दुर्ग ,अभ्यारण्य ,झीलें ,मरुस्थल आदि के कारण सुरम्य और मनमोहक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित हो सका है।

राजस्थान के पर्यटक स्थलों का वर्गीकरण :-

1. प्राकृतिक स्थल -
                             राजस्थान को पृकृति ने अनेक सुरम्य स्थलों से संवारा है ,जिन्हें देखने का आकर्षण पर्यटकों में होता है। इसमें पर्वतीय क्षेत्र -माउन्ट आबू ,रेगिस्तानी बालुका स्तूपों का दृश्य -जैसलमेर में ,पर्वतीय घाटियाँ -आमेर की घाटी ,अलवर की काली घाटी ,देसूरी की नाल आदि।
प्राकृतिक वनस्पति एवं जीव - जन्तुओं के केंद्र -राष्ट्रीय उध्यान ,अभयारण्य ,जलप्रपात जैसे मैनाल आदि। अनेक प्राकृतिक स्थल ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों के केंद्र भी है।

2. ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक स्थल :-
                                                        राजस्थान का इतिहास समृद्ध रहा है और यहाँ के ऐतिहासिक स्थलों को पर्यटन केन्द्रों के रूप में विकसित किया गया है,इनमे प्रमुख है -
(क ) ऐतिहासिक दुर्ग - चितौड़गढ़ ,कुम्भलगढ़ (उदयपुर), नाहरगढ़ ,आमेर,जयगढ़(जयपुर ),मेहरानगढ़ (जोधपुर ),जूनागढ़ और लालगढ़ (बीकानेर ),रणथम्भौर (सवाई माधोपुर ),जैसलमेर ,जालौर ,नागौर ,शेरगढ़ के किले ,तारागढ़ (अजमेर ),लोहागढ़ (भरतपुर )आदि।

(ख)  पुरातात्विक स्थल - कालीबंगा (हनुमानगढ़ ),आहड़ और बालाथल (उदयपुर),बैराठ (अलवर),बूंदी के गुफा चित्र ,बागौर (भीलवाड़ा) आदि।

( ग ) महल और हवेलियाँ -   जयपुर ,जोधपुर ,उदयपुर ,बीकानेर ,भरतपुर,डीग,बूँदी,अलवर,सामोद के राजमहल और जैसलमेर की हवेलियाँ पर्यटकों के आकर्षण केंद्र है। शेखावाटी के अनेक किले और हवेलियाँ भी देश - विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करते है।

( घ )  धार्मिक स्थल - राजस्थान के धार्मिक स्थलों में नाथद्वारा ,पुष्कर ,कोलायत ,रामदेवरा ,एकलिंग जी ,साँवरिया जी ,गलता ,केसरियाजी ,कैलादेवी ,सालासर ,खाटू श्याम जी ,जयपुर के गोविन्द देव जी का मन्दिर ,बिड़ला मन्दिर,मोती डूंगरी का गणेश मन्दिर आदि। जैन मन्दिरों में राणकपुर ,देलवाड़ा मन्दिर ,महावीर जी का मन्दिर नाकोड़ा ,पदमपुरा आदि। मुस्लिम दरगाह में अजमेर स्थित ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह सर्वाधिक प्रसिद्ध है।

( च )  सांस्कृतिक केन्द्र -  इनके रूप में ऐतिहासिक स्थलों के अतिरिक्त उत्कृष्ट स्थापत्य कला और वास्तुकला के केन्द्र राजस्थान में अनेक स्थलों पर स्थित है ,जैसे -
* जयपुर - हवामहल ,जंतर -मंतर ,चंद्रमहल ,आमेर के राजाओं की छतरी एवं मन्दिर आदि।
* जैसलमेर - पटवों की हवेली ,नथमल जी हवेली ,रामगढ़ की हवेलियाँ आदि।
* जोधपुर - जसवंत थड़ा।
* डीग -  महल।
* अजमेर - अढ़ाई दिन का झोपड़ा।
* बूँदी - चौरासी खम्भों की छतरी ,रानी जी की बावड़ी ,क्षार बाग़ की छतरियाँ।
* चितौड़गढ़ - विजय स्तम्भ ,कीर्ति स्तम्भ तथा किले पर स्थित मन्दिर।
* टोंक - 'स्वर्ण कोठी ' ,अरबी - फ़ारसी शोध संस्थान।
* कोटा - जल मंदिर के पास छतरियाँ।
* झालरापाटन - चंद्रभागा नदी के किनारे मंदिर एवं सूर्य मंदिर।
* माउण्ट आबू - देलवाड़ा के मंदिर।
* रणकपुर - जैन मंदिर।
* डूंडलोद - इमारतें ,हवेलियाँ।

(छ)  मेले -  राजस्थान के मेले सांस्कृतिक धरोहर है ,जो आज भी परम्परागत रूप में लगते है ,अतः पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है।  यहाँ के प्रसिद्ध मेले है  - पुष्कर (अजमेर), तिलवाड़ा (बाड़मेर), जसवन्त मेला (भरतपुर), करणीमाता और कपिलमुनि मेला (बीकानेर), गोगामेड़ी (हनुमानगढ़), रामदेवरा (जैसलमेर), परबतसर एवं मेड़ता मेला (नागौर), दशहरा मेला (कोटा), त्रिनेत्र गणेश रणथम्भौर (सवाई माधोपुर), केलादेवी (करौली), तीज एवं गणगौर (जयपुर), जाम्बेश्वर (मुकाम), सती मेला एवं लोहरगढ़ मेला (झुंझुनू), खाटू श्याम जी सीकर ,बैणेश्वर (डूंगरपूर) ,उर्स (अजमेर)आदि।

इनके अतिरिक्त हस्त कला के केन्द्र तथा पर्यटन विभाग द्वारा विकसित शिल्प ग्राम आदि भी पर्यटकों को राजस्थान में आकर्षित करते है।
                                 
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