संयुक्त राष्ट्र संघ को आज के विश्व का प्रभावशाली अन्तर्राष्ट्रीय मंच कहा जा सकता है।आशावादी लोगों ने तो संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना के समय इसकी आत्मा में विश्व सरकार के दर्शन किए थे, लेकिन यह कोरा अतिवाद ही सिद्ध हुआ।सयुंक्त राष्ट्र संघ के द्वितीय महासचिव रहे डेग हेमरसोल्ड ने इस सत्य को स्वीकार करने में कोताही नहीं बरती और कहा कि सयुंक्त राष्ट्र संघ का गठन मानवता को स्वर्ग तक पहुचाँने के लिए नहीं बल्कि उसे नर्क से बचाने के लिए हुआ है।ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री चर्चिल ने चुटकी लेते हुए बताया कि हथियारों की लड़ाई से बेहतर है जुबान जंग।यह बेहतर होगा कि एक ऐसा विश्व मंच बने जहाँ दुनिया के सारे देश एकत्रित हों और एक-दुसरे का सिर खाएं न कि सिर कलम करें।। सयुंक्त राष्ट्र संघ की स्थापना विश्व के पाँच प्रमुख राष्ट्र-अमेरिका, रूस,चीन फ्रांस तथा ब्रिटेन द्वारा समर्थन करने के बाद24अक्टूबर 1945 को हुई थी।इस दिवस को स्थाई रूप से सयुंक्त राष्ट्र दिवस कहा जाता है।सयुंक्त राष्ट्र की महासभा की पहली बैठक 10जून1946 को लंदन में हुई, जहाँ केवल तीन महीने पहले राष्ट्र संघ को समाप्त करने के लिए राष्ट्र संघ की असैम्बली की आखिरी बैठक हुई थी।सयुंक्त राष्ट्र के चार्टर में 111 अनुच्छेद है, जिनमें इसके संगठन, शक्तियों तथा कार्यों का उल्लेख किया गया है।सयुंक्त राष्ट्र की सदस्यता जो प्रारंभ में ही सयुंक्त राष्ट्र मेंशामिल हो गए थे तथाजिन्होंने सान-फ्रांसिस्को सम्मेलन में भाग लिया था सयुंक्त राष्ट्र के मूलतः51सदस्य थे।इस प्रकार वे सभी शान्तिप्रिय राज्य जो वर्तमान चार्टर में दिए गये दायित्वों तथा नैतिक बन्धनों को मानते हैं-सयुंक्त राष्ट्र संघ में शामिल हो सकते है।सयुंक्त राष्ट्र संघ में किसी भी देश को सदस्यता सुरक्षा परिषद् की सिफारिश पर महासभा द्वारा दी जाती है।आज सयुंक्त राष्ट्र के कुल 193वां सदस्य देश 2006 में माँन्टैनेग्रो बना। । ।। विश्व को युद्ध की विभिषिका से बचाना। 2.अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति एवम् सुरक्षा बनाए रखना। 3.सभी सदस्य सयुंक्त राष्ट्र संघ को हर प्रकार से सहायता देगें। 4.राज्यों की भू-अखण्डता के विरुद्ध धमकी या बल प्रयोग से परहेज नहीं करेगा। 5. सयुंक्त राष्ट्र संघ किसी भी राज्य के घरेलू मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगा।
6. झगड़ों का निपटारा शान्तिपूर्ण करेंगे।
6. झगड़ों का निपटारा शान्तिपूर्ण करेंगे।
0 comments:
Post a Comment